कुछ दिन पहले ही अर्नब गोस्वामी की पत्रकारिता को लेकर मैंने अपने निजी विचार फेसबुक पोस्ट के माध्यम से रखे थे। कोलेज के दिनों में अर्नब गोस्वामी मेरा चाहिता पत्रकार हुआ करता था। आज वह मेरा चाहिता पत्रकार तो नहीं है लेकिन जिस वजह से उस पर एफ. अार. आई दर्ज करवाई जा रही है उसका हम विरोध करते है और Y कैटेगरी के सिक्योरिटी होने के बावजूद भी उस पर जो हमला हुआ उसकी भी हम कड़ी निंदा करते हैं। हमारा पहले से मानना रहा है कि विचारों की लड़ाई विचारों से लड़ी जानी चाहिए किसी भी हथियारों से नहीं। कांग्रेस को परेशानी है कि उन्होंने सोनिया गांधी पर टिप्पणी क्यों की ? जब आप नेता बनते हो और सार्वजनिक जीवन में आपका योगदान होता है खास तौर पर राजनीति में तो आप पर सवाल किए जाएंगे। कड़े से कड़े सवाल किए जाएंगे आप की गलत नीतियों पर भी सवाल होंगे और आप की चुप्पी पर भी सवाल होंगे यहां तक कि आपकी निजी जिंदगी को लेकर भी सवाल किए जाएंगे और उसके लिए हर एक राजनेता को तैयार रहना ही चाहिए। पत्रकार का यही काम होता है। अब बड़े ही अफसोस की बात है लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमारी राजनीति उस दौर में आकर रुकी है जहां पर कुछ पत्रकार कुछ पार्टी को सवाल करेंगे और बाकी के पत्रकार किसी और पार्टी को सवाल करेंगे। लेकिन सवाल का जवाब देने के लिए तैयार रहना होता है । कांग्रेस सवाल कर सकती है कि जब जे डी अग्रवाल हमारे सानंद स्वामी मरे थे तब अर्नब कौन से बिल में छुप कर बैठ गया था ? शामली की घटना में जहां पर कुछ मुस्लिम युवक ने एक हिंदू युवक को पुलिस वान से निकालकर मारा था। जिसके लिए अर्नब दिन रात तड़पता रहता है वह हिंदू मुस्लिम मसाला यहां पर था। समाज में नफरत और जहर फैलाने का सबसे बढ़िया मौका उसके पास था लिकिन तब वो चुप क्यों था ? ऐसे कड़े सवाल करने का कांग्रेस के पास एक मौका था जो उसने गवा दिया। कुछ दिन पहले ही जब गोस्वामी ने मुंबई में इकट्ठे हुए माइग्रेंट लेबर को मजबूर मजदूर ना मानते हुए उसे तफरी वाले अभिनेता कहा था तब कांग्रेस का लहू गरम नहीं हुआ ये निहायती घटिया रिपोर्टिंग थी जिस पर सवाल होने चाहिए थे लेकिन इस पर कोई राजनीति नहीं होगी क्योंकि यह मजदूर का मामला था। लेकिन सोनिया गांधी को दो सवाल क्या पूछ लिए पूरी कांग्रेस में भूकंप आ गया। जितनी घटिया अर्नब की रिपोर्टिंग है उतनी ही घटिया कांग्रेस की राजनीति है। आज भी कांग्रेस के लिए जनता के प्रश्न से ज्यादा महत्वपूर्ण गांधी परिवार है। हम चाहते हैं कि पत्रकार जगत भी आगे आए क्योंकि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर अगर पत्रकारों पर FIR करने लगेंगे तो फिर हमारी स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं रहेगा।
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