एक प्रयोग।
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मुझे लगता है राजनीति का विपरीत शब्द है प्यार। राजनीति का कार्य लोगों की सेवा करना होना चाहिए लेकिन अब वह सत्ता प्राप्त करना और उसे बनाए रखने तक सीमित रह चुका है। किसी बच्चे को आप राजनीति का चित्र बनाने को कहिए या आंख बंद करके कोई राजनैतिक फिल्म का ट्रेलर देख रहे हो यह कल्पना कीजिए। ज्यादातर आप पाएंगे कि आपको जो चित्र देखने को मिलेंगे वह खून से लथपथ होंगे, चालबाजी शोषण और नफरत से भरे दृश्य आपको देखने को मिल जाएंगे। हम पार्टी पार्टी खेल रहे हैं लेकिन इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पाते है। या फिर विरोध भी करे तो कैसे यह समझ में नहीं आता क्योंकि राजनीति करने वाले, नफरत फैलाने वाले ; सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और जहर के सामने जहर उगलने से समस्या का समाधान नहीं होता है। राजनीतिक समस्याओं का समाधान है प्यार। राजनीति करने वाले, नफरत फैलाने वाले, आखिर है तो इंसान ! और इंसान को प्यार से बदला जा सकता है नफरत से नहीं। जब मैं अन कॉन्फ्रेंस में गया था तब मुझे बड़ा सुकून मिला था। ना तो न्यूज़ पेपर पढ़ता था नाही सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करता था। मेरी चारों और ऐसे लोग थे जो मुझे किसी भी तरीके से जज नहीं करते थे और मुझे जो करना था वह करने की भी पूर्ण आजादी थी। मुझे लगता है कि दुनिया भी ऐसी ही होनी चाहिए लेकिन ना चाहते हुए भी राजनीति हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती है और हमारी खुशियां को तबाह कर देती है। दो पल के लिए आंख बंद कर कर सोच लो कि कोई भी राजनीति नहीं है, कोई भी राजनेता नहीं है और देखो दुनिया कितनी खुशहाल है, कितनी प्यारी है और लोग कितने अच्छे है । मेरा मानना है कि या तो राजनीति खत्म होनी चाहिए या फिर प्यार की राजनीति होनी चाहिए। अब यह कैसे होगा यह मैं नहीं जानता आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आने वाले 7 दिन तक में एक प्रयोग करने जा रहा हूं जो लोग जुड़ना चाहते हैं उनका भी स्वागत है।
प्रयोग करने वाले को 3 नियमों का पालन करना है।
1) आने वाले 7 दिन तक ना तो न्यूज़पेपर पढ़ना है और ना ही न्यूज़ देखना है।
2) सोशल मीडिया पर भी केवल और केवल प्यार की ही बातें करनी है।
3) किसी की आलोचना ना करते हुए केवल जो लोग तारीफ के हकदार हैं उनकी तहे दिल से तारीफ करनी है।
मुझे लगता है ऐसा करते हम दुनिया में तो कोई बदलाव नहीं ला सकते हैं लेकिन अपने आपको काफी हद तक बदल सकते हैं।
अगर आप को एहसास होता है कि इन 7 दिनों में मैंने नियमों का पालन नहीं किया तो आप मुझे बेझिझक कह सकते हैं और डांट भी सकते हैं।
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